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दुनिया का उभरता हुआ ऊर्जा स्रोत- ग्रीन हाइड्रोजन

दुनिया का उभरता हुआ ऊर्जा स्रोत- ग्रीन हाइड्रोजन

  • ग्रीन हाइड्रोजन एक ऐसा इंधन होता है, जिसमें कार्बन उत्सर्जन (carbon emission) शून्य होता है। मतलब उसे कितना भी जलाएँ उससे प्रदूषण नहीं होगा, हाइड्रोजन में बहुत ऊर्जा होती है और ब्रह्मांड में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, लेकिन धरती पर यह जटिल आड़ुवों जैसे पानी या हाइड्रोजन कार्बन के रूप में पाया जाता है। हाइड्रोजन (Hydrogen ) किसी जीवाश्म ईंधन या रिनेवल एनर्जी सोर्स(renewable  energy source) जैसे सूरज की रौशनी और हवा की तरह ऊर्जा का स्रोत नहीं होता बल्कि यह ऊर्जा का वाहक होता है,यानी इस्तेमाल के लिए इस का उत्पादन किया जा सकता है, इसे ,अलग एवं संग्रहित किया जा सकता है। इसके जलने पर पानी ही बनता है। वर्ल्ड एनर्जी काउंसिल(World enargy council) का कहना है कि एक किलो हाइड्रोजन के जलन से जो ऊर्जा मिलती है वह एक किलो गैसोलीन के जलने वाली ऊर्जा से तीन गुना ज्यादा होती है। इसके बाद पानी बनता है, फिर हाइड्रोजन फ्यूल सेल है जो एक तरह का इलेक्ट्रोकेमिकल सेल होते हैं, जो हाइड्रोजन और पानी की केमिकल ऊर्जा को बिजली में बदलते हैं। इससे भी जो असिस्ट बचता है वह पानी होता है। एक Fuel cell तब तक ऊर्जा का उत्पादन कर सकता है जब तक उसे हाइड्रोजन और पानी की आपूर्ति मिल रही है।

हाइड्रोजन के कई रंग

हाइड्रोजन को अलग करने के कई तरीके होते हैं। इन तरीकों की वजह से इसका रंग अलग- अलग हो जाता है। वर्ल्ड एनर्जी काउंसिल के मुताबिक 96% हाइड्रोजन को उत्पादन जीवाश्म ईंधन से किया जाता है। इस दौरान निकलने वाला हाइड्रोजन धूसर या ग्रे हाइड्रोजन कहलाता है। हालांकि यह प्रक्रिया इतनी महंगी नहीं होती जितनी दूसरी होती है, लेकिन इसमें बहुत अधिक मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है। इसलिए जब कार्बन कैप्चर और स्टोरेज प्रक्रिया से कार्बन डाइऑक्साइड को निकालने से रोक दिया जाता है, तो यह हाइड्रोजन ग्रे से ब्लू यानी नीला हाइड्रोजन हो जाता है लेकिन यह प्रक्रिया काफी महंगी है।

इसके अलावा एक और रंग हाइड्रोजन का है जिसो फिरोजा कहते हैं, इसलिए उत्पादन में पायरोलिसिस की प्रक्रिया के जरिए गैस का उत्पादन किया जाता है, जिसमें ठोस कार्बन पैदा होता है, लेकिन इस तरह का उत्पादन अभी प्रयोग के स्तर पर ही है। इसी तरह गुलाबी हाइड्रोजन पानी की इलेक्ट्रॉनिक्स प्रक्रिया से पैदा होता है। बस फर्क इतना है कि इसमें पारंपरिक ऊर्जा का इस्तेमाल होता है। इसी तरह जब 100 ऊर्जा का इस्तेमाल करके हाइड्रोजन बनाया जाता है तो उसे पीली हाइड्रोजन कहा जाता है।

ग्रीन हाइड्रोजन क्या है? इसको लाभकारी कैसे बनाया जा सकता है?

Green Hydrogen ग्रीन हाइड्रोजन किसी भी तरह की अक्षय ऊर्जा से प्राप्त हो सकती है ऊर्जा स्रोतों से ऊर्जा के इलेक्ट्रोलिसिस के ज़रिए प्राप्त किया जा सकता है। हालांकि यह प्रक्रिया बहुत महंगी है। ग्रीन हाइड्रोजन एक ऐसा इंजन है जिसमें कार्बन इमिशन(carbon emission) शून्य होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल हाइड्रोजन इमेशन(National hydeogen emission ) की घोषणा अगस्त 2021 में की थी जिसका लक्ष्य भारत की ग्रीन हाइड्रोजन का वैश्विक हब बनाना है।

कार्बन इमिशन को रोकने के लिए ही दुनिया ग्रीन हाइड्रोजन की ओर अग्रसर हुआ है। राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के तहत एक हरित हाइड्रोजन परिस्थिति तंत्र स्थापना के लिए एक बार पत कार्य योजना प्रदान करना और इसे उभरते हुए क्षेत्र के अवसरों और चुनौतियों के लिए एक प्रणालीगत प्रतिक्रिया का उत्प्रेरित करना। भारत ने 70 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने का लक्ष्य घोषित किया है।

उद्देश्य

  • भारत के हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना वार्षिक हरित हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ाकर पांच मिलियन टन करना नवीनीकरण ऊर्जा क्षमता से लगभग 125 मेगावॉट जोड़ना,
  • हरित हाइड्रोजन और इसके डेरीवेटिव के लिए निर्यात और अवसरों का सृजन करना।
  • जीवाश्म  ईंधन पर निर्भरता कम करने के लिए ऊर्जा क्षेत्र का डिकार्बननाइजेशन और गतिशील अनुप्रयोग में उपयोग करना तथा स्वदेशी विनिर्माण क्षमताओं का विकास करना।

मिशन के घटक

 स्ट्रैटजिक इंटरवेंशन और ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजेक्शन प्रोग्राम के तहत दो वित्तीय प्रोत्साहन तंत्र बनाए गए। इलेक्ट्रोलाइजर के घरेलू विनिर्माण को लक्षित करना, हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करना, स्ट्रैटेजिक हाइड्रोजन इनोवेशन पार्ट्नरशिप (SHIP) इस मिशन के तहत रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप फ्रेमवर्क की सुविधा दी जाएगी।

ग्रीन हाइड्रोजन  हब

 बड़े पैमाने पर उत्पादन या हाइड्रोजन के उपयोग का समर्थन करने में सक्षम क्षेत्रों की पहचान की जाएगी और उन्हें  हरित हाइड्रोजन हब के रूप में विकसित किया जाएगा।

नीतिगत ढांचा

हरित हाइड्रोजन इकोसिस्टम की स्थापना का समर्थन करने के लिए एक सक्षम नीतिगत ढांचा विकसित किया जाएगा। मानक और विनियम दाचा विकसित किया जाएगा। एवं समन्वित कौशल विकास कार्यक्रम किया जाएगा। ग्रीन हाइड्रोजन के लिए भारत की स्थिति भारत ने 2030 तक गैर जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 500 मेगावॉट तक बढ़ाने के उद्देश्य से हरित हाइड्रोजन उत्पन्न करना शुरू कर दिया है।

ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) ने पूर्वी असम के जोहरट में भारत का पहला 99% शुद्ध हरित हाइड्रोजन संयंत्र चालू किया है।

एनटीपीसी (NTPC)ने फाइन्ड नेचुरल गैस PNG नेटवर्क में भारत का पहला ग्रीन हाइड्रोजन ब्लेंडिंग ऑपरेशन शुरू किया।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड( PNGRB) ने (PNG) पीएनजी के साथ ग्रीन हाइड्रोजन के 5% सम्मिश्रण के लिए मंजूरी दे दी है। बाद में इसे 20% तक बढ़ाया जाएगा इस मिशन से मिलेंगे  6 लाख नौकरियां?

ग्रीन हाइड्रोजन उत्पन्न करने वाली भारत की कंपनी एनटीपीसी रिलायंस ऑयल गेल बीपीसीएल, अदानी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड ये सभी कंपनियां मिलकर भारत को ग्रीन हाइड्रोजन का वैश्विक हब बनाने में सहायक होगी।

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Dr Ragini Singh

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