बचत एक महत्वपूर्ण उपकरण है क्योंकि यह गरीबों को अनियमित आय के उतार-चढ़ाव से निपटने में मदद कर सकता है और उन्हें बरसात के दिन के लिए भंडार बनाने में मदद कर सकता है। Sylvia Mathews Burwell
सैलरी बढ़ने के साथ खर्चे दोगुनी तेजी से बढ़ रहा है आज ही सुबह कॉलोनी को मेंटेन करने के लिए कलेक्शन करने वाला व्यक्ति आया उसने कहा- कॉलोनी के मेंटेनेंस के लिए अब रुपया 700 के बदले रुपया 900 लिया जाएगा, तभी मैंने पूछा क्या तुम लोगों को salary बढ़ी है तो जवाब मिला “हाँ” फिर मैंने पूछा कितना बढ़ा तो जवाब मिला 5% बढ़ा है l
यहीं पर हिसाब लगाएंगे आपके जेब से जब 700 के बदले 900 जा रहा है तो 22% खर्चा आपका बढ़ गया लेकिन वही पर गार्ड और सफाई कर्मी का वेतन केवल 5% बढ़ता है यानी कि महंगाई के साथ आपके वेतन में इजाफा नहीं हो रहा है l
अगर सैलरी बढ़ने का और खर्चे के हिसाब ऐसे होंगे तो आज के समय में बचत करना किसी भी व्यक्ति के लिए मुश्किल है l महंगाई बढ़ने के साथ लोग अपने आय बढ़ाने की कोशिश करते हैं कोई ओवर टाइम करता है तो कोई डबल शिफ्ट में काम करने के लिए मजबूर है और आज के दौर में पैसा कमाने वाले सदस्यों की संख्या भी बढ़ रही है इसके बावजूद बचत नहीं हो पा रहा है अगर समझदारी से काम लिया जाए तो इस महंगाई में भी बचत की थोड़ी गुंजाइश है l
बचत करने के कुछ गोल्डन रूल है जिसका अनुसरण करके आसानी से बचत किया जा सकता है l
“A budget is telling your money where to go, instead of wondering where it went.” — John C. Maxwell
हर महीने के लिए अब बजट पहले से ही बना ले और बजट बनाने में 50%, 30% , 20% का रूल अपनाया जाता है लेकिन आज के दौर में महंगाई अधिक है और बचत नहीं हो पाता तो आप 70- 20 और 10 का रूल अपना सकते हैं l
क्रेडिट कार्ड के भी अपने फायदे हैं लेकिन आप इसको कंट्रोल नहीं कर पाते हैं तो बेहतर होगा कि क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को बंद कर दें l
महीने के शुरुआती दौर में ही आप अपने बजट को बना लें साथ में अपने पुराने खर्चों को भी नोट कर ले l बाद में इसकी तुलना अपने बजट से करें ,बजट बनाने के बाद पैसा सेविंग के लिए नहीं बच पाता है तो आप उस खर्चों में कटौती कर सकते हैं जो आपने चाहत पर खर्च करने के लिए बनाए हैं बजट से यह समझने में आसानी होगी कि किन खर्चों को कम किया जा सकता है और किस को बंद किया जा सकता है,
जैसे आपके पास अच्छे जूते हैं पहनने के लिए लेकिन फैशन के कारण अपने नए जूते नए ,ड्रेस नए, बैग को लेने की इच्छा होती है जबकि इसके बिना आपका काम बहुत अच्छे से चल सकता है और इसको लेने की जरूरत नहीं है l बिना योजना के और जोश में किया हुआ खर्चा आपको परेशानी में ला सकता है impulsive buy से बचें आप दिखावे के चक्कर में नहीं पड़े क्योंकि बूंद बूंद से ही घड़ा भरता है l
क्या खर्च करने हैं इसकी योजना पहले बना ले मान लीजिए बेडशीट लेनी है , नया पर्स लेना है या बच्चों के जूते फट गए हैं और जूते लेने हैं तो आप उस समय ले जब मॉल में या ऑनलाइन शॉपिंग पर कंपनी की सेल चलती रहती है अगर समझदारी से खरीदारी किया जाए तो अच्छे ब्राण्ड में लेने के बावजूद भी इससे आपके पैसे बच सकते है
बिना सोचे समझे खरीदारी के चक्कर में पैसे की बर्बादी हो जाती है जिसपर हम ध्यान नहीं देते और ये कहते हैं कि क्या फर्क पड़ता है लेकिन फर्क पड़ता है क्योंकि अगर आपके बाल्टी में दो तीन छेद रहेंगे तो कभी भी भरेगी नहीं उसी प्रकार अगर ये छोटे छोटे खर्चे इसी तरह होते रहेंगे तो किसी के लिए भी बचत करना बहुत मुश्किल हो जाता है अपील छोटे छोटे खर्चों को बंद करने देखिए आपको आश्चर्यजनक करने वाले रिज़ल्ट मिल सकते हैं इसी खर्चे को बचत करके अगर आप म्यूचुअल फंड या अन्य जगह इन्वेस्ट करते है तो कुछ दिनों बाद कंपाउंडिंग इंटरेस्ट से हे आपको आश्चर्यजनक रिज़ल्ट मिल सकते हैं
जब आप बचत करते हैं और उस का लक्ष्य निर्धारित नहीं करते तो ये बचत एक खाली डब्बे के समान हो जाता है जो किसी के काम नहीं आता इसके लिए जरूरी है कि आप लक्ष्य का निर्धारण करें पैसे की बचत को लेकर दो तरह के लक्ष्य निर्धारित होते हैं सै
पहला छोटी अवधि का निवेश
छोटी अवधि के निवेश में आपका इमरजेंसी फंड ,कार लेने के लिए डाउन पेमेंट फंड, बच्चों के एजुकेशन फंड .बाहर घूमने और छुट्टी मनाने के लिए फंड बनाना l
दूसरा लंबी अवधि के निवेश
– घर खरीदने में निवेश करना रिटायरमेंट का प्लान करना और बच्चों के उच्च शिक्षा का योजना का लंबी अवधि के निवेश में विचार किया जाता है l घर खरीदने के लिए डाउन पेमेंट, और रिटायरमेंट फंड बनाते समय लोग अक्सर एफडी और पीपीएफ जैसे पारंपरिक निवेश चुनते हैं जिसमे महंगाई के अनुसार रिटर्न बहुत कम होता है रिटायरमेंट फंड के लिए हमको ऐसे फंड चुनने चाहिए जो की महंगाई से निपटते हुए अच्छे रिटर्न दे सके l
बजट का प्लानिंग करने के बाद आप यह देखें कि कहीं आपका बजट आउट ऑफ शेप तो नहीं है जैसे आप अपने शरीर को देखते हैं कि मोटे हो रहे हैं या कहीं से स्थिती खराब तो नहीं है ऐसे में आप उसको तुरंत सुधार करने की कोशीश करते हैं या कोई बीमारी लग गई है तो उसको दूर करने की सोच कोशीश करते हैं आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग भी ऐसी होनी चाहिए जो आपके सारी समस्याओं को दूर कर सकें l जब आप किसी मुसीबत में होते हैं या पैसों की कमी से जूझ रहे हैं तो यह समझिए कि आपका प्लानिंग सही ढंग से नहीं हुई है और इस पर ध्यान देने की जरूरत है l
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