करोना काल में सरकार से बजट को लेकर सबको क्या उम्मीदें हैं ?क्योंकि बजट एक ऐसा प्रक्रिया है, जो सभी तबके के लोगों को प्रभावित करता है एक फरवरी 2022 को 11:00 बजे बजट सरकार पेश करेगी बजट को विभिन्न चैनलों पर हर साल की तरह इस बार भी लाइव दिखाया जाएगा समय के साथ परम्पराओं में बदलाव आया है पहले फरवरी महीने के अंत में 5:00 बजे शाम के समय बजट को पेश किया जाता था l लेकिन एनडीए गवर्नमेंट ने 1999 में समय को चेंज करके इसको 11:00 बजे कर दिया 2016 में सरकार ने 1 फरवरी कर दिया एक हफ्ते पहले हलवा सेरेमनी के साथ बजट आरंभ होता है l
पहला भारतीय बजट 18 फरवरी 1869 को जेम्स विल्सन द्वारा प्रस्तुत किया गया था बिलसन जिसका पद भारतीय वायसराय को सलाह देने वाली भारतीय परिषद के वित्त सदस्य थे l
हमारा बजट यूके के बजट को कई तरह से अनुसरण करता है 1924 से लेकर 1999 तक बजट फरवरी के अंतिम कार्यकारी दिन शाम 5:00 बजे पेश किया जाता था क्योंकि यूके मिल जब दिन का समय होता था तो यहाँ शाम का समय होता था , ये प्रथा सर बेसिल ब्लैक केट ने 1924 में शुरू की थी वर्ष 2000 में पहली बार यशवंत सिन्हा ने बजट को सुबह 11:00 बजे पेश किया l
भारतीय गणतंत्र की स्थापना के बाद पहला बजट 28 फरवरी 1950 को जान मथाई ने पेश किया था , इस बजट में योजना आयोग की स्थापना का वर्णन किया गया था सीडी देशमुख वित्त मंत्री होने के साथ रिज़र्व बैंक के पहले गवर्नर भी थे उन्होंने 1951- 1952 में अंतरिम बजट पेश किया l 1955 1956 से बजट हिंदी में तैयार किया जाने लगा l
भारतीय गणतंत्र की स्थापना के बाद पहला बजट 28 फरवरी 1950 को जान मथाई ने पेश किया था l इस बजट में योजना आयोग की स्थापना का वर्णन किया गया था l सीडी देशमुख वित्तमंत्री होने के साथ रिज़र्व बैंक के पहले गवर्नर भी थे l
1958-1959 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बजट पेश किया उस समय वित्त मंत्रालय उनके पास था l ऐसा करने वाले वे देश के पहले प्रधानमंत्री बनें l इंद्रा गांधी ने भी प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए वित्त मंत्रालय का भी कार्यभार सम्भाला था और बजट को पेश किया था , इंद्रा गांधी एक ऐसी इकलौती प्रधानमंत्री महिला प्रधानमंत्री थीं जो वित्त मंत्रालय को सँभालते हुए बजट को प्रस्तुत किया l
बजट छपने के पहले हलवा खिलाया जाने की परंपरा है इस रस्म में बजट पेश होने वाले वित्त मंत्रालय से संबंधित सभी अधिकारी और सहायक कर्मचारी होते हैं l इस रस्म के पूरा होने के बाद बजट पेश होने तक वित्त मंत्रालय से संबंधित अधिकारी किसी के संपर्क में नहीं रहते बल्कि वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक में ही उनको रुकना पड़ता है l
वित्त मंत्री टीटी कृष्णमाचारी ने 1964 और 1965 में पहली बार बीडीआईएस स्कीम के जरिए छुपे धन को बाहर निकालने की कोशीश की 1965 -1966 के बजट में काला धन निकासी के लिए पहली बार स्कीम लॉन्च की गई 1973-9074 के बजट को ब्लैक बजट का नाम दिया गया क्योंकि इसमें बजटीय घाटा ₹550,00,00,000 था l
5 जुलाई 2019 को निर्मला सीतारमण देश का बजट पेश करने वाली भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्तमंत्री बनी निरमला सीतारमण ने साल 2019 में ब्रीफकेस के बजाय वही खाता पारंपरिक लाल कपड़ों में लिपटे डॉक्यूमेंट को ले जाने की प्रथा शुरू की l
भारतीय इतिहास में पहली बार 2021 में बजट पूरी तरह से पेपरलेस हो गया सभी सांसदों और सरकारी अधिकारियों को अधिकारिक वेबसाइट के जरिए भेजा गया यहाँ तक कि साल 2021 में जारी किया गया आर्थिक सर्वेक्षण भी पूरी तरह पेपर लेस था l
अलग रेलवे बजट का चलन 1924 में शुरू हुआ था वास्तव में रेलवे को एक अलग इकाई के तौर पर आंकने की वजह यह थी कि सरकार के राजस्व का बड़ा हिस्सा और सकल घरेलू उत्पाद रेलवे द्वारा की गई कमाई पर निर्भर रहता था , उस समय रेलवे से प्राप्त आय अनुपातिक रूप से बहुत अधिक थी वर्ष 1917 से पहले आम बजट और रेलवे बजट संसद में अलग अलग दिन पेश होता था लेकिन अब आम बजट के साथ रेलवे बजट पेश किया जाता है
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 92 साल पुरानी अलग रेलवे बजट की प्रथा को खत्म कर दिया नीती आयोग ने केंद्र सरकार को अलग रेल बजट के चलन को खत्म करने की सलाह दी थी काफी विचार विमर्श के बाद सरकार ने रेलवे बजट को आम बजट में मिलाने का फैसला किया l
वित्त वर्ष 2021- 22 के लिए रेलवे बजट वन पॉइंट 70,00,000 करोड़ के आसपास रहने की संभावना है ,रेलवे बजट में इस बार प्राइवेट ट्रेन, नई ट्रेन सेट्स के जरिए नए रूट पर तेज रफ्तार से सफर ,पर्यटन स्थलों के बेहतर रेल कनेक्टिविटी, सोलर पैनल आधारित ग्रीन एनर्जी पर फोकस ,किसान रेल सेवा में विस्तार और नॉर्थ ईस्ट राज्यों में रेलवे कनेक्टिविटी के लिए इंफ्रा विस्तार पर फोकस करने वाला होगा l
31 फरवरी में शुरू होने जा रहा है केंद्रीय वित्तमंत्री निरमला सीतारमण 1 फरवरी 2022 को संसद में देश का केंद्रीय बजट पेश करने वाली संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 8 अप्रैल तक चलेगा करोना महामारी के कारण कई सेक्टर पूरी तरह से तबाह हो चुका है ऐसे में बजट से लोगों को काफी उम्मीदें हैं इस तरह की परिस्थितियों में जब भी बजट पेश होता है तो उससे कुछ सेक्टर खास तौर पर ज्यादा फायदे में होते हैं कॉर्पोरेट सेक्टर को बजट में इंफ्रा इविवि ग्रीन ,एनर्जी डिफेंस, सेक्टर कृषि क्षेत्र पर विशेष छूट की आशा लगाकर बैठी हुई है बजट में इलेक्ट्रिकट्रॉनिक सामान सस्ते हो सकते हैं ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है l
बजट को लेकर सरकार के सामने कुछ समस्याएं भी हैं जैसे –
High physical deficit , high current account deficit ,rise in interest rate ,rise in inflation सरकार को बजट से संबंधित इन सभी चुनौतियों का भी सामना करना होगा और बजट को उसके अनुरूप बनाना होगा l
“वित्तीय विजेता स्प्रिंट नहीं दौड़ते, वे मैराथन दौड़ते हैं। वे जल्दी नहीं करते हैं। वे इसे समय के साथ कदम से कदम मिलाते हैं।” – Dave Ramsey
प्रत्येक मनुष्य के अंदर एक शक्तिशाली प्रेरक शक्ति होती है, जो एक बार प्रकट हो…
The existence of God is not subjective. He either exists or he doesn’t. It’s not…
Gray Divorce, the increasing trend of older couples parting ways after decades of marriage, reflects…
"आध्यात्मिक यात्रा में आशा और भय से परे जाना, अज्ञात क्षेत्र में कदम रखना, लगातार…
Spirituality has nothing to do with the atmosphere you live in. It’s about the atmosphere…
Manpower without unity is not a strength unless it is harmonized and united properly, then…