म्यूचुअल फंड क्या है? म्यूचुअल फंड लेते समय किन बातों का ध्यान रखें?

म्यूचुअल फंड Basics

म्यूचुअल फंड सही है? यह एडवर्टाइजमेंट आपने कई बार सुना होगा। और साथ मे कुछ शब्दों को जल्दी जल्दी बोलते हुए भी आपने विज्ञापन देखा होगा। जिसमें यह कहा जाता है की म्यूचुअल फंड बाजार के उतार चढ़ाव पर निर्भर है। अक्सर निवेशक के लिए ये एक डरावने वाली स्थिति हो जाती है की कहीं म्यूचुअल फंड में उसका पैसा तो डूब नहीं जायेगा। क्योंकि यहाँ। रिटर्न की कोई गारंटी नहीं देता है। हाँ, कुछ म्यूचुअल फंड ऐसे हैं जो रिटर्न की गारंटी देते हैं जैसे ग्रिड, म्यूचुअल फंड हो या डेट म्यूचुअल फंड  जिसमें कुछ हद तक  बॉन्ड पर आधारित म्यूचुअल फंड हो तो कुछ हद तक निवेश आपका। सुरक्षित रहते हैं।

Notebook with mutual funds sign on a table. Business concept.

आप रोज़मर्रा के खर्चों से बचाकर जब कुछ सेविंग करते हैं तो आपके सामने सबसे बड़ी समस्या ये आती है कि इस सेविंग का किस तरह से फायदा उठाये जिससे की महंगाई को मात दिया जा सके और  सेविंग का रिटर्न अच्छा आ जाए इसके लिए आपके दिमाग में यह संघर्ष जरूर चलता होगा की इसको फिक्स्ड डिपॉजिट करें शेयर मार्केट में लगाएं’ रियल एस्टेट में या म्यूचुअल फंड में लगाएं यहाँ पर ये समझ लेना आवश्यक है क्योंकि निवेश से संबंधित बहुत सारी भ्रांतियां लोगों में रहती है जैसे की अधिकतर लोग यू लीप और म्यूचुअल फंड  के अंतर को नहीं समझ पाते ईएलएफ फंड क्या है उनके लिए यह  भी इस समझ से परे है  | एजेंट अपने फायदे के लिए उनको गलत जगह निवेश करार देता है जिससे कि निवेश का जो फायदा मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता है और ना ही निवेशक अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाता है|

म्यूचुअल फंड में निवेश कब और कैसे करें ?

एक्स्पर्ट की मानें तो म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सही समय जब आपने निवेश के लिए  सोचा वह सही समय है |   म्यूचुअल फंड में अगर आप थोड़ी जोखिम ले तो निवेश का रिटर्न बहुत ही बेहतरीन मिल  जाता है। क्योंकि फिक्स डिपॉजिट  लाइफ इंश्योरेंस मैं किया हुआ निवेशआपको अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंचा पाता और न ही महंगाई को मात दे पाता है। फंड्स चुनते समय आप अपने रिस्क? कैपेसिटी को देखें उसके अनुसार ही म्यूचुअल फंड का चुनाव करें। म्यूचुअल फंड का चुनाव डायरेक्ट ही करें। रेगुलर ना करें क्योंकि डायरेक्ट करने से उसके एनएबी ज्यादा मिलते हैं जबकि र एजेंट के द्वारा। करने से एनएबी कम मिलते हैं और आपके पैसे एजेंट को भी जाते हैं क्योंकि आपने एजेंट से लिया है।

mutual fund investment

म्यूचुअल फंड क्या है ?- म्यूचुअल फंड एक निवेश का समूह जिसके माध्यम से कोई  निवेशक  अपने पैसों का निवेश करता है

म्यूचुअल फंड के प्रकार

लार्ज कैप फंड या बलूची फंड – Large cap. fund. Or Blue chip fund.

स्मॉल कैप फंड Small cap fund.

मिडकैप फंड Madcap mutual fund.

फोकस फंड Focus. Fund.

बैलेंस फंड Balanced fund.

हाइब्रिड फंड Hybrid fund.

डेट म्यूचुअल फंड Debt mutual fund.

इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड International mutual fund.

रियल एस्टेट फंड Real estate mutual fund.

गोल्ड म्यूचुअल फंड Gold mutual fund.

सिल्वर म्यूचुअल फंड Silver mutual fund.

थीम बेस्ट फंड जैसे एफएमसीजी फंड’ , केमिकल बेस फाउंड , Theme Base. Mutual fund.

Asset management company –एसेट मैनेजमेंट कंपनी उसको कहते हैं जो म्यूचुअल फंड को चलाती है जैसे एसबीआइ म्यूचुअल फंड, आईसीआईसीआई म्यूचुअल फंड, मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड

आप यह समझने की भूल कभी भी न करें  एसबीआइ म्यूचुअल फंड है तो यह सरकार द्वारा चलाया जाता बल्कि हर एक फ्रेन Fund चाहे वह सरकारी बैंक के नाम ही क्यों न चलता है । फंड मैनेजमेंट। व्यक्तिगत रूप से चलाए जाते हैं।  उसके मेनजमेंट प्राइवेट होते हैं और सेबी के देखरेख में यह अपने काम करते हैं। यह भी अन्य म्यूचुअल फंड की तरह सेबी के गाइडलाइन के अनुरूप ही कार्य करते हैं।

म्यूचुअल फंड का चुनाव करते समय आप अपने रिस्क मैनेजमेंट को देख लीजिये। जैसे अपने पोर्टफोलियों में कितने म्यूचुअल फंड होने चाहिए? डाइवर्सिटी किस प्रकार हो?

म्यूचुअल फंड में आप दो तरह से निवेश कर सकते हैं। एक सिप SIP Sysmatic Investment Plan के जरिए दूसरा Lumsum यानी पैसा  एक मुश्त लगाना ऐसे अच्छा होगा कि आप Lumsum Investment लगाते समय अपने पैसे को तीन या चार हिस्सों में बांट दें और अपने एक्स्पर्ट की सलाह लेकर थोड़े थोड़े अंतराल में पैसे को डालते रहे।

एक्सपर्ट यह भी सलाह देते हैं कि आप अपने पैसे को एक ही म्यूचुअल फंड की कैटेगरी में नहीं डालिए सिप करते समय म्यूचुअल फंड   हाउस। यह सहूलियत देता है कि आप उसे weekly, daily और monthly भी निवेश कर सकते हैं। अपने सहूलियत के अनुसार आप उसको अपने date  fix कर सकते हैं।

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Note – http://43.205.213.15 किसी तरह से वित्तीय सलाह नहीं देता आप अपने वित्तीय प्रबंधन के लिए वित्तीय सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें |

Dr Ragini Singh

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