Crypto Currencies आरबीआई द्वारा क्रिप्टो करेंसी को नियंत्रित करने की तैयारी
भारत में सरकार का फैसला क्या हो सकता है क्या Crypto Currencies पर रोक लग सकती है या उस में निवेश करने की अनुमति मिल सकती है सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये है कि अगर क्रिप्टो में निवेश करने की अनुमति दी जाए तो किस प्रकार से रेग्युलेशन होना चाहिए | शीतकालीन सत्र में संसद एक बिल लाने की तैयारी में है इस प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाई जा सकती है |
प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी मे किस करेंसी को लिया जाए, सरकार इस बात पर भी विचार कर सकती है कि आरबीआई की तरफ से अपनी खुद कि डिजिटल करेंसी हो इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि निवेश के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश मिल जाएगा ऐसा अनुमान है कि भारत में लगभग 10,00,00,000 (10 cr) जनता क्रिप्टो करेंसी में निवेश करती है और ये सभी निवेशक छोटे शहरों से ज्यादा आते हैं
और लगभग उनकी औसत उम्र 25 के लगभग आती है यहीं पर सरकार के लिए सबसे बड़ी चिंता है की कहीं इस निवेश से निवेशकों को मुश्किल न उठाना पड़े|
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ये निर्णय दिया था की सरकार क्रिप्टो में निवेश करने के लिए मना नहीं कर सकती है या रोक नहीं सकती है इसलिए सरकार यहाँ पर क्रिप्टो पर बैन करने की बात नहीं कर रही है बल्कि Crypto Currencies को रेग्युलेट करने की बात कर रही है | देखा जाए दुनिया में सभी जगह क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक दुविधा की स्थिती है यहाँ तक कि आईएमएफ ने एल सल्वाडोर में क्रिप्टो करेंसी को लीगल इस्तेमाल करने पर भी आपत्ति जताई थी
कुछ देशों ने तो इसे पूरी तरह से बैन किया है जिसमें चाइना, इजिप्ट जैसे देश है दुनिया भर में क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले निवेशकों मैं सबसे ज्यादा भारत के लोग हैं इसलिए सरकार के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है कि इस पर नियंत्रण के लिए कोई कानून बनाया जाए |
जब आरबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रतिबंध हटाया तो उसके बाद क्रिप्टो की खरीद बिक्री पर कोई रोक नहीं है और भारत में यह अवैध भी नहीं है आरबीआई की सबसे बड़ी चिंता यह है कि क्रिप्टोकरेंसी का असर हमारे महंगाई पर हो सकता है फोरेक्स मार्केट पर भी प्रभाव डाल सकता है क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट नहीं किया जाएगा तो इसके बहुत सारे नुकसान हो सकते हैं जैसे अवैध फंडिंग हो सकता है हवाला के काम हो सकते हैं और आतंकवादियों द्वारा इसका उपयोग किया जा सकता हैं क्रिप्टो करेंसी में सबसे प्रचलित बिटकॉइन है|
साधारण शब्दों में क्रिप्टो करेंसी वर्चुअल करेंसी है जो कि ब्लॉक चेन तकनीक पर आधारित है और यह क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित किया जाता है| क्रिप्टो करेंसी में जब भी कोई ट्रांजेक्शन होता है तो उसे ब्लॉकचेन के माध्यम से डाटा को सुरक्षित रखा जाता है| दुनिया में 1800 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध है|
बिटकॉइन एथेरियम-डॉग कॉइन रिपल क्रिप्टो करेंसी को डिजिटल मनी वर्चुअल मनी और इलेक्ट्रॉनिक मनी भी कहते हैं क्रिप्टोकरेंसी से आप ट्रेड कर सकते हैं और इन्वेस्ट भी कर सकते हैं लेकिन इसे फिजिकल करेंसी की तरह बैंक में घर में या लॉकर में नहीं रख सकते क्रिप्टो करेंसी को दुनिया के सभी देश एक शक की निगाह से देखते हैं और इसे अपनी अर्थव्यवस्था के लिए खतरा मानते है| दुनिया के किसी भी सरकार का इस डिजिटल करेंसी पर किसी प्रकार का नियंत्रण नहीं है
दुनिया की प्रत्येक सरकार इस दुविधा में हैं कि कहीं यह देश और निवेशकों के लिए खतरा न बन जाए और वहीं दूसरी तरफ निवेशकों द्वारा क्रिप्टो करेंसी को अपनाने से यह अधिक भरोसेमंद होता जा रहा है क्रिप्टो करेंसी को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया बहुत ही आसान है केवल प्लेटफॉर्म पर साइन अप करना होगा उसके बाद केवाईसी पूरा कर लेने पर वायलेट में मनी ट्रांसफर किया जा सकता है और इसके बाद क्रिप्टोकरेंसी को आप आसानी से खरीद सकते हैं इसके पॉपुलर प्लेटफॉर्म है Wazirx, ,Coinswitch, और Kuber
ऐसा कहा जाता है कि दुनिया की सबसे मशहूर क्रिप्टोकरेंसी है इसे वर्ष 2009 में Satoshi Teenology से जापान के एक व्यक्ति या ग्रुप द्वारा बनाया गया था बिटक्वॉइन ब्लैक चेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है जो हजारों कंप्यूटर का एक नेटवर्क है ब्रोकर या एजेंट के बिना यह काम करता है ही समय में ट्रांजेक्शन को वेरिफाई करता है बिटकॉइन किसी भी टाइप की हैकिंग से सुरक्षित है|
बिटकॉइन माइनिंग के द्वारा ट्रांजेक्शन प्रोफेस पूरा किया जाता है बिटकॉइन माइनिंग नेटवर्क और ट्रांजेक्शन प्रोसेसर को सिंक्रोनाइज करता है यह डी सेंट्रलाइज सिस्टम है जिसमें दुनिया भर में स्थित माइनस कंट्रोल होता है माइनर वो होते हैं जो माइनिंग का कार्य करते हैं अर्थात जो Bitcoin बनाते हैं अकेला एक इंसान माइनिंग को कंट्रोल नहीं कर सकता|
बिटक्वॉइन माइनर्स को माइनिंग के लिए एक स्पेशल हार्डवेयर या कहें जो एक शक्तिशाली कंप्यूटर जिसकी प्रोसेसिंग बहुत तेज होने की आवश्यकता होती है इसके अलावा बिटकॉइन माइनिंग सॉफ्टवेयर कि आवश्यकता होती है माइनर्स अगर ट्रांजेक्शन को कंप्लीट कर देता है तो उन्हें ट्रांजेक्शन फीस मीलती है यह ट्रांजैक्शन फीस बिटक्वाइन के रूप में ही होती है एक नई ट्रांजेक्शन को कन्फर्म होने के लिए उन्हें ब्लॉक में शामिल करना पड़ता है उसके साथ एक गणितीय प्रणाली होती है उसे हल करना पड़ता है इसे हल करने के लिए आपको लाखों कैलकुलेशन प्रति सेकंड में करनी पड़ेगी उसके बाद ट्रांजेक्शन कन्फर्म होगा |
क्रिप्टो करेंसी माइनिंग का काम वही लोग करते हैं जिनके पास विशेष गणना करने वाले कंप्यूटर और गणना करने की उचित क्षमता हो बिटक्वॉइन माइनिंग का उद्देश्य बिटक्वाइन नोड को सुरक्षित बनाना और नेटवर्क को छेड़छाड़ से दूर रखना वर्तमान में सभी भौतिक मुद्रा से अधिक मूल्यवान मुद्रा बन चुकी है बिटकॉइन के लेनदेन के लिए बिटकॉइन एड्रेस का प्रयोग किया जाता है कोई भी ब्लॉकचेन में अपना खाता बनाकर इसके जरिए बिटक्वाइन का लेन देन कर सकता है बिटकॉइन की सबसे छोटी इकाई को सातोशी कहा जाता है एक बिटक्वाइन में 10,00,00,000 सातोशी होते हैं यानी 0.0000000 1 BTC को एक सातोशी होता है |
ऊर्जा की खपत बिटकॉइन की माइनिंग में उपयोग होने वाली बिजली के कारण भी आज इसकी आलोचना की जाती है एक बिटक्वाइन के संचालन मैं लगभग 300 किलो वाट बिजली लगती है |
क्रिप्टो करेंसी की बढ़ती हुई लोकप्रियता को देखकर रिज़र्व बैंक के लिए और सरकार के लिए ये सबसे बड़ी चुनौती है कि इसको कैसे नियंत्रित किया जाए क्योंकि यह केवल भारत के लिए ही समस्या नहीं है बल्कि अन्य देशों की सरकारों के लिए भी यह समस्या है कि इस क्रिप्टोकरेंसी को कैसे नियंत्रित किया जाए इसलिए भारतीय सरकार इस डिजिटल करेंसी को विकल्प देने के लिए अपनी एक रेगुलेट डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी में है |
रिज़र्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल करेंसी मैं उतने उतार चढ़ाव नहीं होंगे जितनी कि क्रिप्टोकरेंसी में दिखते हैं यह अर्थव्यवस्था के करेंसी का ही एक हिस्सा होगा ये डिजिटल करेंसी निवेशकों के लिए एक विकल्प देगी और यह पूरी तरह वैध होगा इसमें पैसा डूब जाने का भी खतरा नहीं होगा |c
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Very Informative