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emergency fund:1st step of financial planning

वित्तीय योजना का पहला कदम आपात-कालीन निधि  बनाना

Having a separate fund for the things in life that happen, helps keep the emergency fund in tact in case you lose your job or income. — Michelle Singletary

emergency

emergency fund वह फंड होता है -जिसमें कि रोज़मर्रा की जरूरतों से हटकर अचानक पैसे की जरूरत आ जाए तो आप इस फंड का उपयोग कर सकते हैं l आपातकालीन निधि शब्द का तात्पर्य – उस धन से है जो लोग वित्तीय संकट के समय उपयोग कर सकते हैं

| इमरजेंसी फंड बनाने का उद्देश्य एक ही होता है कि फाइनेंशियल प्लानिंग में आने वाले बाधाओं को दूर किया जा सके | इसका उपयोग अप्रत्याशित खर्चों को पूरा करने के लिए किया जाता है जैसे कि अचानक बीमार हो जाना ,आपातकाल स्थिती में कहीं पर ट्रैवल करना , घर के छोटे मोटे मरम्मत कराने,  या आपकी नौकरी कुछ महीनों के लिए छूट जाए तो ऐसी स्थिती में इस धन का उपयोग किया जा सकता है l

कठिन परिस्थिति में यह एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है इमरजेंसी फंड कितना बड़ा हो यह आपकी वित्तीय स्थिती ,खर्च और जीवनशैली के ऊपर निर्भर होता है l

emergency fund

इमरजेंसी फंड

इमरजेंसी फंड बनाना क्यों महत्वपूर्ण है ?(Why is emergency fund important)

emergency fund बनाना फाइनेंशियल प्लानिंग का पहला कदम माना जाता है l सबसे ज्यादा जरूरत हो तो इसका उपयोग किया जा सके l इस फंड को अपने शौक पूरे करने के लिए या अन्य महत्वपूर्ण चीजों को खरीदने के लिए खर्च नहीं किया जाना चाहिए l फंड क्रिटिकल स्थिती होने में काम आए उदाहरण- मेडिकल इमरजेंसी, नौकरी का छूट जाना, व्यापार में घाटा लग जाना, यह अन्य कोई पारिवारिक मसला l

जिंदगी बहुत ही अनिश्चित है, कभी भी किसी से भी समय कुछ भी हो सकता है, कोई नहीं जानता अगर आपके पास इमरजेंसी फंड नहीं है तो आप मुश्किल परिस्थितियों में आ सकते हैं l फाइनेंशियल प्लानिंग का यह पहला कदम होता है और इसके बिना आपका फाइनेंशियल प्लानिंग पूरा नहीं हो सकता है  l बरसात के मौसम  में जैसे छतरी आपको भीगने से बचाती,  उसी प्रकार इमरजेंसी फंड आप के मुसीबत के समय एक छतरी की तरह काम करता है | मुसीबत के समय आर्थिक संकट से सुरक्षा प्रदान करता है l

इमरजेंसी फंड में कितने पैसे होने चाहिए? (How much money should you put in emergency fund?)

इमरजेंसी फंड(emergency fund ) में कितने पैसे होने चाहिए या इमरजेंसी फंड का आकार कितना बड़ा होना चाहिए? यह आपके जरूरतों के हिसाब से तय किया जाता है एक महीने के लिए , दो महीने के लिए, छे महीने के लिए, 1 साल के लिए, या 2 साल के लिए यह आप की स्थिती पर निर्भर है l उदाहरण के लिए-

पहला  बिजनेसमैन के लिए तो यही अच्छा होगा कि  2 साल के लिए इमरजेंसी फंड बनाएं l

दूसरा  एग्रीकल्चर  से संबंधित काम करने वाले  के लिए भी 2 साल तक इमरजेंसी फंड बनाना ज्यादा अच्छा होगा  l

तीसरे सैलरी पर्सन आते हैं सैलरी पर्सन भी दो तरह के होते हैं एक प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले दूसरे गवर्नमेंट सेक्टर में काम करने वाले प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले व्यक्ति को भी कम से कम 1 साल तक के लिए तो इमरजेंसी फंड बनाना ही चाहिए l गवर्नमेंट सेक्टर में काम करने वाले स्थाई कर्मचारी के लिए थोड़ी सी सहूलियत होती है इसलिए ये अगर दो महीने का भी इमरजेंसी फंड बनाएं तो इनका काम चल सकता है क्योंकि इनकी नौकरी छूटने की संभावना न के बराबर होती है l

अगर एक महीने का इमरजेंसी फंड बनाना है तो आपके एक महीने के खर्चे के बराबर यह इमरजेंसी फंड होना चाहिए | जैसे -एक महीने का बजट ₹30,000 है तो इमरजेंसी फंड भी एक महीने का ₹30,000 होना चाहिए, | यदि आप 6 महीने का इमरजेंसी फंड बनाना चाहते हैं तो एक महीने के खर्चे को 6 से मल्टीप्लाई कर दीजिए जैसे 30,000 गुना 6 = 1,80,000 |, इसी प्रकार 2 साल का इमरजेंसी फंड बनाना है तो 30,000 को 24 से गुना कर दीजिए l

इमरजेंसी फंड को कैसे बनाएँ ?(How to make emergency fund?)

बहुत से लोगों का इमरजेंसी फंड उनके दोस्त, रिश्तेदार और माता -पिता होते हैं, यहीं पर सबसे बड़ी भूल होती है मान लीजिए रिश्तेदार और माता पिता के लिए आप ही इमरजेंसी फंड हो तो lदूसरी स्थिति अगर आप क्रेडिट कार्ड को इमरजेंसी फंड मानते हैं , तो यह आपके लिए और भयावह स्थिती हो सकती है और भविष्य को खतरे में डाल सकते हैं , क्योंकि क्रेडिट कार्ड आप से 40 %-45%  तक इन्ट्रेस्ट चार्ज करती हैं |

हमारे सामने यह सोचने का विकल्प होना चाहिए कि इमरजेंसी फंड का निर्माण कैसे करें ? हर महीने खर्च में से 5% अमाउंट इमर्जेंसी फंड के लिए अलग कर देना चाहिए ,और इसके लिए एक अलग से सेविंग अकाउंट खोलना चाहिए l इस अकाउंट को रोज़मर्रा की जरूरतों में  उपयोग नहीं किया  जा सके l सेविंग अकाउंट इस तरह का बनाइए कि उसमें नेट बैंकिंग की सुविधा न हो और एटीएम कार्ड उसका ना बनवाएं तभी आप इमरजेंसी फंड को बना पाएंगे  l

Emergency fund written on a jar with money.

इमरजेंसी फंड बनाने के लिए कुछ कदम उठा सकते हैं -(Few steps to take while making emergency fund?)

पहला, बजट के 5% की राशि  हर महीने इमर्जेंसी फंड के लिए निकाले जब तक ये पूरी तरह आपके अनुसार हो न जाए जाए l  अगर आप इमरजेंसी फंड का उपयोग करते हैं तो तुरंत उसको वापस उतनी ही राशि डालने का प्रयास कीजिए l महंगाई बढ़ने के साथ आप इमरजेंसी फंड को भी बढ़ाते रहे l

दूसरा, अनावश्यक खर्चों की निगरानी करें और खर्चे कम करने की कोशीश करें जिससे कि उन पैसों  को आप इमरजेंसी फंड में डाल सकें l

तीसरा, सैलरी बोनस या कोई इन्क्रीमेंट आपको मिलता है तो उन पैसों को भी इमरजेंसी फंड में रख सकते हैं जिससे की इमर्जेंसी फंड जल्दी से जल्दी  बन सके  l

चौथा,  गिफ्ट में मिले पैसों को भी आप इमरजेंसी फंड में रख सकते हैं l

इमरजेंसी फंड को कहा पर निवेश करें?(How to invest in emergency fund?)

इमरजेंसी फंड रखने का सबसे सुरक्षित जगह सेविंग अकाउंट की है लेकिन सेविंग अकाउंट में 3% या 4% ही इंटरेस्ट मिलता है l हर एक सेविंग अकाउंट  बैंक  सुविधा देती है कि कोई भी व्यक्ति फ्लैक्सी डिपॉजिट कर सकता है l फ्लैक्सी डिपॉजिट(Flaxi fixed deposits ) में फिक्स डिपोजिट के अनुसार ही इंटरेस्ट मिलता है लेकिन इसमें फिक्स डिपॉजिट की तरह लॉकिंग पीरियड नहीं होता l अन्य किसी जगह पर इमरजेंसी फंड रखने के खतरे हैं जैसे-

1 –फिक्स डिपॉजिट/आर डी इन सभी में लॉकिंग पीरियड होता है

2-स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड बहुत ही उतार-चढ़ाव वाला होता है इनमें निवेश करने से लाभ के प्रतिशत  नकारात्मक भी जा सकते हैं क्योंकि ये बाजार के लाभ हानि पर निर्भर होता है l

3 –लिक्विड म्यूचुअल फंड मैं भी पैसा निवेश करना सुरक्षित विचार नहीं है इसमें लॉकिंग पीरियड तो नहीं होता लेकिन इसके भी इंटरेस्ट बहुत कम मिलते हैं l

सबसे अच्छा तो है कि आप सेविंग अकाउंट में ही इमरजेंसी फंड को रहने दे और फ्लैक्सी डिपॉजिट (Flaxi fixed deposits) कर ले l

भारत में बहुत सारे लोग इमरजेंसी फंड नहीं बनाते हैं इसके कई कारण हो सकते हैं इसका मूल्य ना समझना वित्तीय समझदारी न होना करके ज्यादा और आमदनी कम यह महंगाई की समस्या कारण कुछ भी हो सकता है l इमरजेंसी फंड बनाना बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपको भविष्य के खतरों से बचाता है l

बिना इमरजेंसी फंड के फाइनेंशियल प्लानिंग करते हैं तो आपकी प्लानिंग स्थाई नहीं रह पाएगी और न हीं आप कभी लक्ष्य तक पहुँच पाएंगे | परिस्थितियां हमेशा एक जैसी नहीं होती है फाइनेंशियल प्लानिंग आपका लक्ष्य तक पहुंचने का रास्ता है तो इमरजेंसी फंड लक्ष्य तक पहुंचने में आने वाली बाधाओं को हटाता है l

इमरजेंसी फंड बनाने के पहले आप अपने और अपने परिवार को सुरक्षित कर लें | पहला – पूरे परिवार के लिए मेडिकल इन्सुरेंस ले ले दूसरा टर्म प्लान ले लें l इसके पश्चात आप इमरजेंसी फंड बनाने की प्रक्रिया शुरू करें मेडिकल, टर्म प्लान लेते समय आप टर्म और कंडीशन को अच्छी तरह से पढ़ लें |अपने  वित्तीय सलाहकार से बात कर ले इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि टर्म इंश्योरेंस और मेडिकल इन्सुरेंस किसी एजेंट से ही लें क्योंकि परेशानी के समय क्लेम लेने में आप इनकी मदद ले सकते हैं

Note – http://43.205.213.15 किसी तरह से वित्तीय सलाह नहीं देता आप अपने वित्तीय प्रबंधन के लिए वित्तीय सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें |

Dr Ragini Singh

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