Health Insurance is it Amazing ? the 2nd step of financial planning – In Hindi

हेल्थ इन्सुरेस एक प्रकार की सुरक्षा है जब आप बीमार पड़ते हैं या कोई दुर्घटना हो जाती है  | यह एक प्रकार का अनुबंध है जिसमे कंपनी और व्यक्ति के बीच होता है  | जब कोई अनुबंध के तहत हर साल कुछ पैसे प्रीमियम के रूप में देता है और कंपनी यह भरोसा दिलाती है कि  जरूरत पड़ने पर हम आपकी सुरक्षा करेंगे | पैसो की अतिरिक्त बोझ आपके ऊपर नहीं पड़ेगी मोटे तौर पर हेल्थ इंश्योरेंस को इसी रूप में समझा जा सकता है |

Health insurance

 हेल्थ इंश्योरेंस को एक निवेश के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि एक सुरक्षा कवच के रूप में देखना चाहिए | भारत में बहुत ही कम लोग हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं या तो उनको ये लगता है कि मैं बीमार नहीं पडूंगा मुझे क्या जरूरत है ? या हेल्थ इन्सुरेंस के बारे में उनकी जानकारी बहुत ही कम होती है |

हर एक व्यक्ति को यह समझना होगा की बीमारी कभी भी बताकर नहीं आती प्रदुषित वातावरण असामान्य जीवनशैली तनावपूर्ण जीवन ये वे कारण हैं जिसके कारण व्यक्ति कई बीमारियों को न्यौता दे देता है | अगर बीमारी के कारण हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़े तो व्यक्ति को या तो लोन लेना पड़ सकता है या उसकी सेविंग खतरे में पड़ सकती है|

A tremendous amount of needless pain and suffering can be eliminated by ensuring that health insurance is universally available. Daniel Akaka

 हेल्थ इन्सुरेंस के बारे में या इसके महत्व को जानना है तो आप इस आर्टिकल को पूरी तरह पढ़ें जिससे कि आपको यह समझने में आसान  कि हेल्थ इन्सुरेंस किसी के लिए भी  क्यों जरूरी है  |

जितनी परेशानी यह दिक्कत  हेल्थ इंश्योरेंस में है उतनी और कहीं नहीं क्योंकि अगर आप टर्म और कंडीशन को ठीक से पढ़ कर समझ नहीं पाए तो आपके लिए ये परेशानी का सबब हो सकता है |

हेल्थ इन्सुरेंस लेने के  फायदे

  • महंगाई बढ़ने के साथ चिकित्सा के खर्चे भी बढ़ती जा रही है हेल्थ इंश्योरेंस लेने से बीमारी के समय पैसे की चिंता खत्म हो जाती है |
  • बिना हेल्थ इंश्योरेंस के आपकी जमापूंजी खत्म हो सकती है और आपका वित्तीय प्रबंध खतरे में पड़ सकता है |
  • हेल्थ इंश्योरेंस के बिना ज्यादा खर्च बढ़ जाने से हो सकता है आपको लोन लेना पड़े और यह आपके वित्तीय प्रबंध के लिए सबसे घातक सिद्ध हो सकता है |
  • उन लोगों के लिए जिनके पास कोई सेविंग नहीं है, वे भी जेब पर अतिरिक्त खर्च के बिना ही  कैश – लेस अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं |
  • उन लोगों के लिए जिनके पास सेविंग तो है लेकिन बीमार पड़ने पर सेविंग खत्म हो जाएंगे और वे फाइनेंशियल क्राइसिस में आ जाए |
  • हेल्थ इन्सुरेंस लेने से आपको धारा 80 डी के तहत आयकर में  छूट मिल सकती है |
  • हेल्थ इन्सुरेंस में केवल आप अपने लिए ही नहीं बल्कि परिवार के सभी सदस्यों के लिए भी बीमारी के समय सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं |

हैल्थ इंश्योरेंस लेते समय किन  बातों का ध्यान रखना चाहिए?

                 भारत में हेल्थ इंश्योरेंस लेने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है हेल्थ इन्सुरेंस  लेने चाहिये कि नहीं लेने चाहिए ,  कौन से तथ्य है जिसके आधार पर निर्णय लिया जा सके की आपको हेल्थ इंश्योरेंस बहुत जरूरी है, क्योंकि  पहली बात हेल्थ इंश्योरेंस उन लोगों के लिए तो बहुत जरूरी है जिनकी कोई सेविंग नहीं है दूसरा उन लोगों के लिए भी बहुत जरूरी है जिनकी सेविंग है क्योंकि बीमार पड़ने पर सेविंग खत्म हो जाएंगे और वे फाइनेंशियल क्राइसिस में आ जाएंगे तीसरा सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की हैल्थ इंश्योरैंस पे वे लोग कंसिडर नहीं कर सकते हैं जो यह समझते हैं की उनकी वित्तीय प्रबंध की सेहत पर कोई भी असर नहीं होगा  |

health cost

हेल्थ इंश्योरेंस की प्रीमियम राशि कितना होना चाहिए

किसी भी इन्सुरेंस की प्रीमियम राशि जिसमे दो पक्षों के बीच करार किया जाता है कि आप समय समय पर हमको कुछ निश्चित राशि देते रहे और आपको जब जरूरत पड़ेगा तो हम उसमें आपको सुरक्षा प्रदान करेंगे  | हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम राशि ऐसी होनी चाहिए कि आपको वित्तीय भार महसूस न हो और साथ में इमरजेंसी के मेडिकल खर्चे को कवर करें | आजकल वेबसाइट पर प्रीमियम राशि कैल्कुलेटर उपलब्ध है इसकी मदद से आप अपने प्रीमियम राशि की गणना कर सकते हैं, या आपकी आयु परिवार के सदस्यों की संख्या आय और मेडिकल हिस्टरी के आधार पर सही प्रीमियम राशि उपलब्ध रहता है और अपने अनुसार अब प्रीमियम राशि का चुनाव कर सकते हैं

टॉप अप हेल्थ इन्सुरेंस

यदि आपके पास पहले से ही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है तो आप को महंगाई के कारण या अन्य जरूरत के कारण ज्यादा कवरेज लेने की आवश्यकता है तब आप टॉप अप प्लान ले सकते हैं  |यह नई योजनाओं की अपेक्षा किफायती प्रीमियम पर उपलब्ध होता है |

सुपर टॉप अप हेल्थ प्लान

 सुपर टॉप अप प्लान वह होता है जिसमे अगर  आपका  प्लान 10,00,000 का है तो आपने 3,00,000 की राशि उपयोग कर ली है और 7,00,000 बचा हुआ है तो ऐसे में इस 7,00,000 के लिए दुर्घटना या अन्य आवश्यकताओं के समय इस पर भी क्लेम लिया जा सकता है | | टॉप अप हेल्थ प्लान पॉलिसी में केवल एक क्लेम आप के लिए काम करता है जबकि सुपर टॉप अप हेल्थ प्लान पॉलिसी अवधि के दौरान कई क्लेम देने की अनुमति प्रदान करता है|

आवश्यक के डॉक्यूमेंट

  1. आयु प्रमाणपत्र
  2. पहचान प्रमाण पत्र
  3. एड्रेस प्रूफ
  4. पासपोर्ट फोटो

सही जानकारी दें

बीमा कंपनी की विश्वसनीयता की जांच कर लें

कंपनियों के सेट्लमेंट रेश्यो की भी जांच कर लें | आज कल इंटरनेट पे इन कंपनियों के रेटिंग उपलब्ध होते हैं टॉप  पांच कंपनियों के सेटलमेंट रेशियो और उनकी सुविधाओं की समीक्षा करके तुलना कर लें | इससे यह सहूलियत हो जाएगा कि आप अपनी बजट में अच्छे से अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस लेने में सक्षम हो जाएंगे |

हेल्थ इंश्योरेंस के लिए क्लेम कैसे करें ?

  • अस्पताल में भर्ती होने के बाद बीमा कंपनी को क्लेम के लिए सूचित करना होता है
  • अस्पताल मेडिकल रिकॉर्ड के साथ फॉर्म भेजेगा जिसे बीमा कंपनी द्वारा सत्यापित किया जाता है |
  • एक बार अनुमति देने के बाद बीमा कंपनी अस्पताल के सभी बिलों का भुगतान कर देती है |

 रीइंबर्समेंट(reimbursement) क्लेम कैसे लें ?

  • अस्पताल में भर्ती होने के साथ ही तुरंत बीमा कंपनी को सूचित करना चाहिए |
  • इलाज कराने के दौरान जीतने भी खर्चे हो उनको बिल के सहित एक फाइल में इकट्ठा कर लेना चाहिए |
  • दस्तावेज़ को तुरंत ही बीमा कंपनी ने जमा कर देनी चाहिए कि आपके खाते में जल्दी से जल्दी पैसे आ जाए |

 प्रत्येक बीमा कंपनी की शर्तें अलग अलग होती है क्लेम को लेने के पहले इन बातों इस पर ध्यान देना चाहिए |

health insurance selection

प्री एंड पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन

 प्री हॉस्पिटलाइज यानी हॉस्पिटल के पहले 30 टु 60 डेज़ के अंदर आपके जो भी खर्चे हुए हैं उन खर्चों को भी क्लेम किया जा सकता है पोस्ट हॉस्पिटलाइज में हॉस्पिटल के भर्ती होने के बाद 60 से 18 दिन के खर्चे भी कवर हो सकते हैं | हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय इन बातों का ध्यान जरूर रखें की प्री एंड पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन की सुविधा है कि नहीं |

डे केयर प्रोसीजर

बहुत सारे पॉलिसी में डे केयर प्रोसीजर कवर नहीं होता है क्लेम लेने के लिए 24 आवर हॉस्पिटल में अडमिट होने की जरूरत होती है लेकिन डे केयर प्रोसीजर में 24 आवर के ऐडमिट होने की जरूरत नहीं होती पॉलिसी लेते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि डे केयर फसिलिटी कवर हो रहा है कि नहीं |

हेल्थ पॉलिसी कहीं कैंप से युक्त तो नहीं है

हेल्थ पॉलिसी लेते समय यह ध्यान रखिए कि अलग अलग डिवाइस के लिए कोई  कैप तो नहीं है मान लीजिए हॉट के ऑपरेशन के लिए या किडनी के ऑपरेशन के लिए अलग अलग कैंप की व्यवस्था कर देते है जैसे 2,00,000 से ज्यादा आप एक डिजीज में खर्च नहीं कर सकते |

को पे ऑप्शन

कुछ पॉलिसी में आपको पे ऑप्शन होता है मान लीजिए क्लेम आपका ₹1,00,000 हैं तो 10% यानी कि 10,000 आपको देने पड़ेंगे पॉलिसी लेते समय यह ध्यान देना जरूरी है कि कहीं को पे ऑप्शन तो नहीं है क्योंकि को पे ऑप्शन न हो तो ही ज्यादा अच्छा है |

रूम रेंट सुविधा

पॉलिसी लेते समय ये भी ध्यान रखिए की रूम रेंट क्लेम में इन्क्लूड है की नहीं या उसमें कोई लिमिटेशन है |

रीस्टोरेशन बेनिफिट

रीस्टोरेशन बेनिफिट भी होते हैं मान लीजिए फैमिली मेंबर के एक व्यक्ति में पूरा 3,00,000 यूज़ हो गया है तो दूसरे सदस्य के लिए रेस्टोरेशन बेनिफिट भी मिल जाता |

नो क्लेम बोनस

नो क्लेम बोनस वह बोनस होता है जो कंपनी अपने बीमाधारकों को देती है अगर आपने कभी कोई भी क्लेम नहीं लिया है तो कंपनी पुरस्कार के रूप में आपके प्रीमियम को कम कर देती है या क्लेम की रेशियो को ज्यादा बढ़ा देती है |

 सभी व्यक्तियों को हैल्थ इंश्योरैंस जरूर लेने चाहिए अगर आप यह सोचते हैं कि मैं तो बीमार पड़ता नहीं या मेरी फैमिली मैं भी कभी ऐसी इमरजेंसी नहीं आई कि किसी सदस्य को ऑपरेशन कराना पड़े या हॉस्पिटलाइज करा ना पड़े तुम मुझे हैल्थ इंश्योरैंस की क्या जरूरत है आपका यह सोचना गलत भी हो सकता है क्योंकि आने वाले समय में कोई नहीं जानता किसके साथ क्या होगा किसी के भविष्य को कोई नहीं बता सकता इसलिए जरूरी है की हेल्थ इंश्योरेंस ले कर

आप अपना और अपने परिवार को सुरक्षित कर लीजिए हेल्थ इंश्योरेंस लेने की दूसरा फायदा ये होता है क्या आप और आपका परिवार तो सुरक्षित हो गया यदि आपने कोई क्लेम नहीं लिया है तो इन्सुरेंस कंपनी आपको पुरस्कार के रूप में आपके प्रीमियम को कम कर देती है या क्लेम के रेशियो को बढ़ा देती है यहाँ पर फायदा दोनों तरफ से आपका ही होता है |

कृपया लेखक के अन्य बीमा संबंधी लेख यहां पढ़ें
https://thevibrantray.com/finance-and-money-management/term-insurance/

Note – http://43.205.213.15 किसी तरह से वित्तीय सलाह नहीं देता आप अपने वित्तीय प्रबंधन के लिए वित्तीय सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें |

Dr Ragini Singh

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